- चीन ने साउथ चाइना सी के चीन विवादित स्प्रैटली आइलैंड के फियरी क्रॉस रीफ पर नॉरिनको CS/AR-1 55 mm एंटी फ्रॉगमैन रॉकेट लॉन्चर्स डिफेंस सिस्टम तैनात किया हैं।
- ये कदम उसने वियतनाम के मिलिट्री कॉम्बैट डायवर्स को पीछे हटाने के लिए, उनपर हमला करने और अपनी क्षमता आंकने के लिए उठाया है।
- साउथ चाइना सी में चीन के आक्रामक रुख का अमेरिका के अलावा भारत भी विरोध करता रहा है
- माना जा रहा है कि चीन के इस कदम से एरिया में तनाव बढ़ सकता है। ये 2014 में शुरू हुई डिफेंस एक्टिविटीज का हिस्सा है
- उस वक्त वियतनामी डायवर्स ने पैरासेल आइलैंड पर बड़ी संख्या में मछली पकड़ने के जाल डाले थे।
चीन का क्या कहना है?
- हालांकि चीन ने कहा है साउथ चाइना सी के आइलैंड्स पर वह मिलिट्री कंस्ट्रक्शन उतना ही करेगा जितना उसके डिफेंस के लिए जरूरी होगा और ऐसा वह अपनी टेरिटरी में ही करना पसंद करेगा।
- फियरी क्रॉस रीफ पर चीन का कंट्रोल है। हालांकि फिलीपींस,वियतनाम और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं।
- अमेरिका साउथ चाइना सी में मिलिट्री की तैनाती को लेकर बीजिंग की आलोचना करता रहा है।
- यूएस ने क्षेत्र में नेविगेशन की आजादी पर जोर दिया है। वॉशिंगटन ने यह भी कहा है कि बाकी देशों को भी साउथ चाइना सी में एयर और नेवल पैट्रोलिंग करने का पूरा हक है।
चीन ने एयरपोर्ट बिल्डिंग भी बनाई है
- चीन ने फेयरी क्रॉस रीफ पर बड़े पैमाने पर लैंड रीक्लेमेशन (भूमि सुधार)का काम किया है।
- उसने यहां एक एयरपोर्ट बिल्डिंग भी बनाई है। यह साउथ चाइना सी में चीन की तरफ से तैयार कई फीचर्स में से एक है।
- साउथ चाइना सी से हर साल 5 लाख करोड़ यूएस डॉलर से ज्यादा का ट्रेड होता है।
क्या है विवाद की असली वजह?
- साउथ चाइना सी का करीब 35 लाख स्क्वेयर km का एरिया विवादित है।
- इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं।
- यहां तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं। अमेरिका के मुताबिक इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है।
- वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्योता दे चुका है।
- चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया था।
Source: Dainik Bhaaskar