First Titanium Project of India: An Overview

Sandarbha Desk
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First Titanium Project of India

What is titanium?

  • Titanium is a transition metal with atomic number 22.
  • It is a lustrous white metal when pure.
  • It is not found as a free element in nature.
  • It is the ninth most abundant element in the earth’s crust. It makes up about 0.57% of the earth’s crust.
  • It is primarily found in the minerals: Rutile, Ilmenite and Sphene.
  • It is present in meteorites and also in the sun.
  • It is found in igneous rocks which form around volcanoes.

Physical properties of titanium

  • It is a strong and light metal.
  • It is as strong as steel and twice as strong as aluminium.
  • On the other hand, it is 45% lighter than steel and only 60% heavier than aluminium.
  • It is not easy to destroy it as it does not rust or break down like other metals.
  • It is not toxic.
  • It has low electrical and thermal conductivity.
  • It is the only element that can burn in pure nitrogen gas.

Uses of titanium

  • It is not easily corroded by sea water. This makes it apt for use in boat parts which are exposed to sea water.
  • Titanium and its alloys are used in applications where strength, light weight and resistance to high temperatures are important. For example, in aeroplanes, rockets and missiles.
  • It is called a strategic metal as it is vital to modern technology and industry.
  • It does not react with the human body. So it is used in making biological implants like artificial limbs.
  • Titanium oxide is used as a pigment to create white paint. This accounts for the largest use of the element.
  • Pure titanium oxide is used to create titania, an artificial gemstone.
  • Titanium tetrachloride is used to make smoke screens.
  • Titanium is also used in making jewellery.
  • Nuclear waste is stored in titanium containers.

Disadvantage

  • Its high cost has limited its widespread use.

First Titanium project of India

  • The first titanium project of India has started its test run in the Ganjam district of Odisha.
  • It is expected that the plant will produce around 36,000 tonnes of titanium slag and 20,000 tonnes of pig iron every year.
  • The ore of titanium used here is ilmenite.
  • The entire belt from gopalpur to puri contains rich deposits of ilmenite and associated minerals.
  • This project will be export based and 75% of the produce will be exported to countries like Japan and China.
  • In India, the produce will be used in ship making, aeronautics, automobile and defence products manufacturing industries.
  • The ore, ilmenite will be procured from Odisha Sands Complex (OSCOM), a unit of Indian Rare Earths Limited (IREL).

First titanium project of india

टाइटेनियम क्या है?

  • टाइटेनियम एक संक्रमण धातु है जिसकी परमाणु संख्या 22  है।
  •  यह शुद्ध रूप में एक चमकदार सफेद धातु  है।
  •  यह प्रकृति में एक मुक्त तत्व के रूप में नहीं पाया जाता है।
  •  यह पृथ्वी की पपड़ी में नौवां सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्व है।
  •  यह पृथ्वी की पपड़ी निर्माण में 0.57% योगदान देता है।
  •  यह मुख्य रूप से रूटाइल, इल्मेनाइट और स्फेने खनिजों में पाया जाता है।
  •  यह उल्कापिंडो और सूर्य में भी  मौजूद है।
  • यह  ज्वालामुखी के आसपास आग्नेय चट्टानों के रूप में पाया जाता है।

 टाइटेनियम के भौतिक गुण

  • यह एक मजबूत और हल्की धातु है।
  • यह इस्पात के बराबर मजबूत है, एल्यूमीनियम से यह दोगुना मजबूत है।
  • दूसरी ओर, यह  इस्पात की तुलना में 45% हल्का और एल्यूमीनियम से  केवल 60% भारी है।
  • इसे नष्ट करना आसान नहीं है,यह अन्य धातुओं की तरह टूटता नहीं और ना ही इसमें जंग लगता है ।
  • यह विषाक्त नहीं है।
  • इसमें बिजली और ऊष्मा की चालकता न्यून है।
  • यह इकलौता तत्व है जिसे शुद्ध नाइट्रोजन गैस में जला सकते है।

  टाइटेनियम का उपयोग

  • यह आसानी से समुद्र के पानी से जीर्णशीर्ण नहीं होता है, जिससे यह नाव के समुन्द्र के पानी वाले भागों में उपयोग के लिए उपयुक्त होता है।
  • टाइटेनियम और उसके मिश्र का उपयोग उन अनुप्रयोगों में जहां शक्ति, हल्के वजन और उच्च तापमान प्रतिरोध की आवश्यकता हो ,जैसे- हवाई जहाज,राकेट,मिसाइल में किया जा रहा है।
  • यह आधुनिक प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण होने से यह एक महत्वपूर्ण धातु है।
  • यह मानव शरीर के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता इसलिए यह  जैविक प्रत्यारोपण जैसे- कृत्रिम अंगों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • टाइटेनियम ऑक्साइड सफेद पेंट बनाने के लिए एक वर्णक के रूप में प्रयोग किया जाता है, जोकि इस तत्व के सबसे ज्यादा प्रयोग के लिए जिम्मेदार है।
  • शुद्ध टाइटेनियम ऑक्साइड “टाइटेनिया” नामक एक कृत्रिम रत्न बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
  • टाइटेनियम टेट्राक्लोराइड धुआं के गुबार करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जोकि सैन्य गतिविधियों में छिपाने के लिए सहायक है।
  • टाइटेनियम गहने बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • परमाणु कचरे टाइटेनियम कंटेनर में संग्रहित किये जाते है।

    हानि

  •  इसकी उच्च लागत इसके व्यापक उपयोग को सीमित करता है।

भारत की पहली टाइटेनियम परियोजना (first titanium project of india)

  • भारत की पहली टाइटेनियम परियोजना ने ओडिशा के गंजम जिले में अपना परीक्षण शुरू कर दिया है।
  • उम्मीद है कि यह संयंत्र टाइटेनियम लावा का लगभग 36,000 टन और पिग आयरन का 20,000 टन प्रति वर्ष  का उत्पादन करेगा।
  • यहां इस्तेमाल किया जाने वाले टाइटेनियम का अयस्क “इल्मेनाइट ” है।
  • गोपालपुर से पुरी के संपूर्ण बेल्ट में  इल्मेनाइट और संबद्ध खनिजों के प्रचुर भंडार मिलते है।
  • यह परियोजना निर्यात पर आधारित है और उत्पाद का 75% जापान और चीन जैसे देशों को निर्यात किया जाएगा
  • भारत में इसके उत्पाद जहाज निर्माण, वैमानिकी, ऑटोमोबाइल और रक्षा उत्पादों के विनिर्माण उद्योगों में इस्तेमाल किये जायेंगे।
  • इसके अयस्क, “इल्मेनाइट” को ओडिशा रेत कॉम्प्लेक्स (OSCOM), जोकि इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (IREL) की एक इकाई है, से खरीदी जायेगी।
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