सशस्त्र रोबोट (Read in English)
- यह कृत्रिम बुद्धिमान हथियार प्रणाली है।
- ये हवा में, सतह पर, अंतरिक्ष में और पानी के नीचे भी कार्य कर सकते हैं।
- इन्हें स्वायत्त या रिमोट द्वारा नियंत्रित किया जा सकता।
- उदाहरण: ड्रोन (उड़ान रोबोट), घातक रोबोट (जमीन पर), पनडुब्बी रोबोट (स्वायत्त पानी के नीचे चलने वाला वाहन)।
- यहां तक कि ये एक इंसान को मारने के लिए भी निर्णय ले सकते हैं।
- इनमे फायर करने या ना करने के बारे में फैसला लेने की शक्ति होती है।
भारतीय सशस्त्र रोबोट
- भविष्य के सैनिक कार्यक्रम:
- यह पहले F-INSAS ( भविष्य में पैदल सैनिक के एक प्रणाली के रूप में जाना जाता था)। 2005 में इस परियोजना की कल्पना की गयी थी।
- दुनिया में भारतीय सैनिकों को सबसे अधिक भीषणता से लैस सैनिक बनाने के लिए यह भारतीय सेना का दो चरणबद्ध कार्यक्रम है।
- चरण 1:उन्हें उन्नत हथियार, संचार नेटवर्क और जंग के मैदान के बारे में त्वरित जानकारी के लिए लैस किया जाएगा, जैसे-
- अतिरिक्त भार ले जाने और परमाणु तथा रासायनिक रेडियोलॉजिकल युद्ध का विरोध करने के लिए गैर ज्वलनशील और बुलेट प्रूफ जैकेट ।
- सभी नजदीक के क्वार्टर लड़ाई के लिए हर पैदल सेना के लिए एकीकृत डिजिटल और परमाणु कंप्यूटर हेडसेट तथा अंडर बैरल ग्रेनेड।
- एक इलेक्ट्रॉनिक जैकेट के साथ शस्त्रगृह जिसमे रेडियो, जीपीएस, केबल और एक जलवायु शीतलन प्रणाली भी शामिल रहेगी।
- परोक्ष और स्वचालित रूप से हथगोले को दागने की अनुमति देने के लिए जीपीएस फायरिंग प्रणाली।
- उसके वजन को 50% कम करने के लिये हलके वजन के छलावरण।
- बुलेट प्रूफ हेलमेट और रात में प्रयोग वाले चश्मे।
- एक नये संचार प्रणाली के माध्यम से युद्ध के मैदान पर त्वरित जानकारी की प्राप्ति।
- थर्मल सेंसर।
- लेजर लक्ष्य और कवच के साथ वाली बंदूकें।
- लचीली पानी की बोतल, फायर प्रूफ घुटने और कोहनी के पैड।
- वर्दी को आंतरिक और बाह्य ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ फिट किया जाएगा।
- चरण 2:युद्धक्षेत्र प्रबंधन प्रणालिया
- जीपीएस के लिए एक पामटॉप, यूएसबी 2.0 और जैमर को एक प्रलोभन की तरह कार्य करने के लिए तथा अलग-अलग स्थानो के सैनिकों की मदद के लिए अनुकूल बनाने के लिए।
- इन्हें दुनिया के सबसे उन्नत सॅटॅलाइट फोन, थर्मल इमेजर , एकीकृत बहुक्रिया दृष्टि डिवाइस वाले नाइट विजन उपकरण, लेजर रेंज फाइंडर, डिजिटल चुंबकीय कंपास, कलर चार्ज कपल्ड कैमरा डिवाइस (सीसीडी), एकीकृत इलेक्ट्रो ऑप्टिकल निगरानी, फायर कंट्रोल सिस्टम और उन्नत जीपीएस रिसीवर से लैस किया जाएगा।
- यह इंफ्रारेड सेंसर, विद्युत ऑप्टिकल सेंसर, थर्मल सेंसर, स्पेक्ट्रोस्कोपी सेंसर, विद्युत और रेडियो आवृत्ति सेंसर भी ले जाएगा।
- यह पूरी प्रौद्योगिकी मौसम अनुकूल है तथा सभी इलाको में इसका परीक्षण किया जा चुका है।
2. INSAS- भारतीय लघु शस्त्र प्रणाली
- यह पैदल सेना के लिए हथियारों का एक परिवार है तथा इसमें एक राइफल और एक लाइट मशीनगन होता हैं
3. अभय
- यह भविष्य में पैदल सेना का एक युद्ध वाहन (FICV) है।
- यह डीआरडीओ के अहमदनगर आधारित वाहन अनुसंधान एवं विकास स्थापना (वीआरडीई) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
4.दक्ष
- यह सशस्त्र रोबोट है।
- यह एक दूर से संचालित डीआरडीओ द्वारा विकसित वाहन है।
- पूरी तरह से स्वचालित है।
- इसे शहरी आतंकवाद का मुकाबला करने में इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह बैटरी से संचालित है।
- यह सीढ़ियों पर चढ़ाई कर सकते हैं तथा सीढ़ियों पर घुमाओ को तय कर सकते है।
- यह वस्तुओं को उठा सकता है।
- यह बम को निष्क्रिय कर सकते हैं।
- इसमें संदिग्ध वस्तुओं को स्कैन करने के लिए एक पोर्टेबल एक्स-रे डिवाइस है।
- यह एक बन्दूक के उपयोग से दरवाजे को खोल, तोड़ सकते हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों का ‘रोबोट सिद्धांत’
- भविष्य में युद्ध पारंपरिक युद्ध की तरह होने की संभावना नहीं है, यह गैर-परंपरागत विषम युद्ध होने जा रहा है।
- यह लंबे समय तक किया जाएगा, विभिन्न प्रकार के इलाके में तथा चरम मौसम की स्थिति में यह होगा।
- यह गुप्त रहेगा तथा निर्मित टाउनशिप क्षेत्रो में युद्ध बढ़ने की सम्भावना होगी।
- इसके हल के लिए, भारत सरकार ने रोबोट सैनिकों को विकसित करने का फैसला किया है।
- उन्हेंभारत के मानव रहित क्षमता को बढ़ाने के लिए रखा जाएगा।
- रोबोट सैनिकों के पास एक उच्च स्तर की बुद्धि होगी।
- खतरा समझने, एक दोस्त और एक दुश्मन के बीच अंतर और खतरे का मुकाबला करने के लिए आवश्यक कदम उठाने में इन्हें सक्षम होना चाहिए।
- उन्हें गैर-परंपरागत युद्ध में नियोजित किया जाएगा।
- वे बंदूकों को संभालने के लिए और परमाणु, जैविक और रासायनिक वातावरण में कार्य करने के लिए सक्षम होंगे।
- वे शहरी युद्ध से निपटने में विशेषज्ञ होगा।
सिद्धांत
- अधिक मशीनों को शामिल करना।
- खतरनाक क्षेत्रों में रोबोट का प्रयोग करने के लिए।
- जब वही काम एक रोबोट के द्वारा किया जा सकता है तो मानव जीवन को जोखिम में नहीं डाला जाएगा।
- भारत की भविष्य की योजना 2020 तक एक ऐसे रोबोट सेना को विकसित करना है जो वांछित कार्य करने में सक्षम होगा।
- भारत सूक्ष्म आकार से लेकर बड़े टैंक के आकार के रोबोटों को विकसित करना चाहता है।
- शहरी युद्ध के लिए विशेषज्ञ रोबोट को विकसित किया जाएगा।