- आजादी के बाद करोड़ों भारतीयों तक पहली बार बैंकिंग सेवाओं की पहुंच- जनधन योजना के अंतर्गत 28.52 करोड़ से अधिक बैंक खातों को खोला गया (18 मई 2017 तक)|
- 16 करोड़ से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवर का लाभ कम दरों पर मिलता है- प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना के तहत।
- उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, 7.75 करोड़ से अधिक छोटे उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत लगभग 3.3 लाख करोड़ रुपये (18 मई 2017 तक) के अनुप्रासंगिकताओ से मुक्त ऋण प्राप्त हुए।
- उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रति बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता तथा कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख से 1 करोड़ ₹ के बीच के बैंक ऋण दिया गया।
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अत्यधिक गरीबो की जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए
- धुआं-मुक्त जीवन के लिए उज्ज्वला योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों की 2.22 करोड़ से अधिक महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मिला।
- 2022 तक सभी भारतीयों के सर पर छत को सुनिश्चित करने के लिए ‘सभी के लिए आवास’ पहल,जिससे अब 9 लाख और 12 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर क्रमशः 4% और 3% की ब्याज छूट मिलेगी।
- मिशन इंद्रधनुष के तहत 2.6 करोड़ से अधिक बच्चों को प्रतिरक्षण दिया गया (पूर्ण प्रतिरक्षण कवरेज की वार्षिक वृद्धि 1% से 5-7% तक बढ़ गई है)।
- प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के अंतर्गत लगभग 48,000 किमी सड़क का निर्माण हुआ तथा पिछले 3 वर्षों में लगभग 1,20,000 किमी ग्रामीण सड़को का निर्माण हुआ हैं।
- बचे हुए अंधेरे गांवों के दो तिहाई से अधिक (कुल 18,456 में से 13,450) ग्रामो का विद्युतीकरण हुआ।
गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम(एनएफएसए) पूरे देश में विस्तारित हुआ जिससे 81.34 करोड़ व्यक्तियों को अब गेहूं 2₹ प्रति किलोग्राम और चावल 3₹ प्रति किलोग्राम मिलता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए), जो कि मई 2014 में केवल 11 राज्यों में लागू किया गया था उसे अब 33 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है।
शोषण की बुराई को खत्म करना
- बिचौलियों और शोषण के लिए भारी झटके के रूप में 19 मंत्रालयों / विभागों की 92 योजनाओं के लाभो का सीधे हस्तांतरण शुरू किया गया जिससे 49,560 करोड़ ₹ की समग्र बचत हुई।
- देश में सभी हृदय रोगियों की सहायता के लिए स्टेंट कीमतों में 85% तक की कमी- ड्रग एल्यूटिंग स्टेंट (डीईएस) की कीमत, जो 1.5 लाख रूपए पहले की थी, की कीमत को कम करके 30,000 रूपए तक कर दी गई है। नंगे मेटल स्टेंट (बीएमएस), जिस पर पहले 40,000 रूपये खर्च आता था अब इसकी लागत 7,500 से भी कम हो गयी है।
- गरीबों के लिए किफायती और सुलभ दवाइयां सुनिश्चित करने के लिए 835 राष्ट्रीय आवश्यक दवाई सूची (एनएलईएम)का अधिकतम सीमा मूल्य का निर्धारण करना।
- जन औषाधि भंडार द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले दवाईयो को सस्ती दरों पर प्रदान करने की व्यवस्था।
- लाखों श्रमिकों को सीधे लाभ के लिए कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के लिए न्यूनतम मजदूरी को 42% तक बढ़ा दी गई है।
- बोनस (संशोधन) अधिनियम,2015 से भुगतान पात्रता सीमा को बढ़ा कर बोनस का भुगतान 10,000 रुपये से लेकर 21000₹ प्रति माह हो गया।
- 31.08.2016 तक ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के लिए 8.11 करोड़ यूएएन आवंटित किए हैं और लगभग 2.82 करोड़ सदस्यों ने अपने मोबाइल नंबर का उपयोग कर इसे सक्रिय किया है। 2015-16 के दौरान निष्क्रिय खातों से लाभार्थियों को 5826.89 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
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